देखते तो बहुत लोग है, मैंने सबसे अलग देखा है
एक असहाय को, तुफानो से लड़ते देखा है।
कठिनाइयाँ तो आई बहुत, मगर उसे सहते देखा है
देखते तो बहुत लोग है, मैंने सबसे अलग देखा है
पर्वतो की उचाईयों से, मैंने झरनों को गिरते देखा है
स्थिति थी बड़ी बिकट, पर आगे उसे बड़ते देखा है
देखते तो बहुत लोग है, मैंने सबसे अलग देखा है
भौतिकवाद की अल्प सुखो से, मैंने उसे हटते देखा है
गिरता-उठता था वो लेकिन, नहीं उसे रुकते देखा है
देखते तो बहुत लोग है, मैंने सबसे अलग देखा है
तन्हाई हो या वीरानापन, मैंने उसे मुस्कुराते देखा है
दुनिया के ताने सुन कर भी, मैंने उसे गाते देखा है
देखते तो बहुत लोग है, मैंने सबसे अलग देखा है
आखिर एक दिन मंजिल आई, मैंने उसे पाते देखा है
कर सकते हो ऐसा तुम भी, यह तो एक जीवन रेखा है
देखते तो बहुत लोग है, मैंने सबसे अलग देखा है
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